अपने सपनो की कूंची से
मैं इस जीवन को रंग लूंगी
इच्छा शक्ति की तुलिका से
सपने यथार्थ में बदलूंगी
मैं आत्मबल के पंख लगा
ऊंची उड़ान भी भर लूंगी
आत्मशक्ति के आलंबन पर
मैं हर ऊँचाई छू लूंगी।
व्याख्या:- उक्त कविता के माध्यम से मैंने जीवन जीने की कला को पंक्तिबद्ध करने का प्रयास किया है । आत्मविश्वास व सकारात्मक दृष्टिकोण द्वारा मानव कठिन से कठिन लक्ष्य को भी प्राप्त कर सकता है।
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Nice one. So inspiring
ReplyDeleteअति उत्तम, क्या भाषा प्रयोग की है! बहुत ही किलिष्ट हिंदी है.
ReplyDeleteI'm really impressed!
I also recommend you to visit www.kavitakosh.org. I strongly feel that you can contribute there as well.
Any ye photo kiska hai :-)
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Mukesh
Thanx Mukesh for your encouragement.
ReplyDeleteप्रोत्साहन के लिए धन्यवाद !
आपकी ये रचना जीजिविषा सही में बहुत अच्छी है और सही में अभिव्यक्ति को प्रकट करती है
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